सशस्त्र सेना में शामिल होने वाली प्रथम महिलाओं में एक नीतू भट्टाचार्य जी हैं। जम्मू में सी.आर.पी.एफ की डी.आई.जी पद पर पदस्थापित हैं। कविताएं लिखती हैं। सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय भी हैं। उन्होंने दो तरफा संघर्ष में पिस रही महिलाओं का जीवन करीब से देखा है। ऐसी संस्थायें जो सड़कों पर पड़े बच्चों, विधवाओं के लिये काम करती हैं, वे उनसे जुड़कर उन्हें सहयोग देती हैं। पंजाब और कश्मीर के इर्द गिर्द महिलाओं के जीवन की सच्ची कहानियां उनकी कहानी किताब “हाफ लाइफ” में शामिल हैं। “रेजरेक्शन : अ वुमन रिबोर्न” उनका अंग्रेजी कविता संग्रह है। मुम्बई में मुलाक़ात होने पर उनसे बातचीत हुई। इस दौरान वे झारखंड के चर्चित डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म निर्देशक मेघनाथ और बीजू टोप्पो की फ़िल्म “द हंट” और “नाची से बांची” के बारे जानकर इन्हें देखने को उत्साहित हुई।
कोलकाता इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में इस ह्यूमन राइट फ़िल्म ” द हंट” के लिए बीजू टोप्पो सर को बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड मिलने पर ढेरों शुभकामनाएं…